अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा ने पूर्व सीएम माँझी का फूँका पुतला
अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा ने पूर्व सीएम माँझी का फूँका पुतला
जातिवाद फैलाने की कोशिश नहीं करें माँझी : ज्योति कुमार सिंह
सहरसा (बिहार) : पूर्व सीएम जीतन राम माँझी द्वारा ब्राह्मण जाति पर टिप्पणी करने का विरोध पूरे बिहार में हो रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा के बैनर तले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का पुतला दहन किया गया। अखिल भारतीय सवर्ण मोर्चा के बिहार प्रदेश प्रधान महासचिव अधिवक्ता ज्योति कुमार सिंह के नेतृत्व में यह पतला दहन किया गया। मौके पर ज्योति कुमार सिंह सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा एक सार्वजनिक मंच से ब्राह्मणों को "हरामी" कह कर गाली देना, उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है। यही नहीं, माँझी अब अपने बयान से दो कदम आगे बढ़ते हुए, ब्राह्मणवाद के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कर रहे हैं। ऐसी अमर्यादित अभद्र टिप्पणी अब बर्दाश्त से बाहर है। ऐसी घटिया राजनीतिक की हम लोग पुरजोर विरोध करते हैं। अब और सहन करने की हिम्मत हमलोगो में नहीं है। एनडीए की नजर में अब सवर्ण समाज वोट बैंक नहीं रहा है। ज्योति कुमार सिंह ने कहा कि सवर्णों जे एक नहीं होने की वजह से, आये दिन विभिन्न राजनीतिक दल सवर्णों का सिर्फ शोषण ही करते रहते हैं। अभी भी समय है। हम सभी से अपील करना चाहते है कि टुकड़े में बंटे, हम सभी लोग एक हो जाएं। नहीं तो, इसी तरह जिसको जब मन हिगा, वहः सवर्ण के खिलाफ बोलता रहेगा। मोर्चा के संयोजक अजय कुमार वर्मा ने कहा कि हाल ही में मध्य प्रदेश के मंत्री बिसाहू लाल सिंह के द्वारा सवर्ण समाज के बहू-बेटी को घर से खींच लेने की बात कही थी। इससे पहले भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव ने सवर्ण को एक जेब में रखने की बात कही थी।अब उससे आगे बढ़ कर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी ने सार्वजनिक मंच से डाइरेक्ट गाली दे रहे हैं। मोर्चा के सक्रिय सदस्य राकेश कुमार उर्फ बंटी झा ने कहा कि मांझी को पता नहीं है कि हिन्दू धर्म में सत्यनारायण भगवान की पूजा, सुख शांति और समृद्धि के लिए की जाती है और आगे भी की जाती रहेगी। यह बयान जातीय भावना के साथ-साथ, धार्मिक भावना को भी ठेस पहुँचाने का काम किया गया है।
यह बयानबाजी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर हुआ है, जो आर्टिकल 15 का खुल्लम- खुला उल्लंघन है। आर्टिकल 15 कहता है कि जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और लिंग के आधार पर भेद-भाव नहीं करें। यहॉं पूर्व उपमुख्यमंत्री ने ठीक उसका उल्टा किया है। साथ ही, सवर्ण समाज की अनदेखी के लिए सरकार भी जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, लिंग के आधार पर नियम कानून और योजना बनाती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर गाली तो दूर, अगर सवर्ण पर कोई नजर उठा कर भी देख ले, तो केस दर्ज कर उसे उनके द्वार सीधे जेल भेजा जाता है। इस मामले पर कारवाई कर, नीतीश कुमार खुद के पाक-साफ होने का सवर्ण को सबूत दें। इसके अलावे भी कई वक्ताओं ने अपनी-अपनी बात रखी। मौजूद लोगों में संजय राणा, राजवीर सिंह, चंदन वर्मा, मणी झा, रुपेश सिंह, मनोरंजन मिश्रा, रजनीश सिंह, श्याम ठाकुर, कुमार आशुतोष, प्रभात सिन्हा, प्रवीण सिंह, सौरभ सिंह, सत्यम सिंह, मुन्ना झा, विकास चंद्र झा, मित्रधर झा रंजन, रौनक सिंह, विपुल सिंह, पंकज सिंह, प्रशांत ठाकुर, राजू मिश्रा, संभव वाजपेई, अशोक कर्ण आदि कई अन्य लोग मौजूद थे।
मुकेश कुमार सिंह